बागपत: मां के नवरात्र पर कोरोना का साया रहा है। उपासकों ने दुर्गा अष्टमी पर गाय को भोज कराया और परिवार की कन्याओं को ही घर में जिमाया, उसके बाद अपने व्रत खोले। श्रद्धालुओं ने कोरोना से सतर्कता बरते हुए यह कदम उठाया। अधिकांश घरों में इस तरह की विधियां देखने को मिली। श्रद्धालु सड़कों पर घूमने वाले गोवंशीय पशुओं को भोजन कराते हुए नजर आए।
चैत्र नवरात्र में दुर्गा अष्टमी पर बुधवार सुबह के समय मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की गई। इस बार कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालुओं ने सुरक्षा की ²ष्टि से घरों में पड़ोस की कन्याओं को जिमाकर अपने व्रत नहीं खोले। जिस परिवार में जितनी कन्याएं थी, उन्हें भोजन कराने के बाद अपने व्रत खोले। इसके अलावा ऐसे भी दर्जनों परिवार थे, जिन्होंने गोवंशों को भोजन कराने के बाद अपने उपवास खोले। लोगों का मनाना था कि मां की आराधना घर पर हो रही है, लेकिन व्रत खोलने के लिए अगर किसी कन्याओं को परेशानी हो जाती है तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जागरूकता और सतर्कता के चलते लोगों ने सावधानियां बरते हुए अपने व्रत खोले। मंदिर के कपाट बंद रहने के कारण कुछ श्रद्धालु सीढि़यों पर माथ टेककर मां भगवती की आराधना की। वहीं कोरोना के चलते मंदिरों में होने वाले यज्ञ भी नहीं हो सके।