प्रश्नोत्तर से दिया बाबा गुरिदर सिंह ने मानवता का संदेश

सहारनपुर । राधा स्वामी सत्संग ब्यास के डेरा प्रमुख बाबा गुरिदर सिंह महाराज ने सहारनपुर पहुंचने के अगले दिन प्रश्नोत्तर के माध्यम से मानवता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मालिक ने इंसान बनाया था। हम सबका पिता एक है, मगर अपने मार्गदर्शन के लिए हमने यहां अपने मजहब बना लिए हैं, जितना हम अपने आप को बाटेंगे, उतना ही हम उस मालिक से दूर होते जाएंगे।



डेरा प्रमुख बाबा गुरिदर सिंह जी महाराज बुधवार को अंबाला रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास मेजर सेंटर पिलखनी में आई लाखों की संगत के प्रश्नों के जवाब दे रहे थे।


उन्होंने कहा कि मालिक ने जिसे जहां भी जन्म दिया वह उसके कर्मों के कारण दिया है। इसलिए 24 घंटे में अपने कर्म व परिवार को समय देने के साथ ही रुहानियत को भी समय दें।


एक अनुयायी ने प्रश्न किया कि परेशान होने पर मन को कैसे समझाएं? इसके जवाब में बाबा गुरिदर सिंह ने कहा कि मालिक देने की ताकत रखता है तो वह जानने की भी ताकत रखता है। बिन बोले ही वह सबकुछ जानता है। एक ने सवाल किया कि स्वर्ग और नरक में क्या फर्क है? इस पर बाबा जी ने कहा कि स्वर्ग नरक सब यहीं है। जिस किसी की कोई भी चाहत पूरी जाए तो यह स्वर्ग, नहीं तो नरक है। इसके लिए मन पर काबू पाना बहुत जरुरी है।


एक सवाल के जवाब में कहा कि मां बाप को बच्चों की फिक्र होती है इसलिए ऐसा काम न करें जिससे उन्हें कष्ट हो। एक लड़की ने पूछा कि बाबा जी मैने बहुत गलतियां की हैं, सच भी बोलती हूं तो कोई यकीन नहीं करता। इस पर बाबा ने कहा कि आप सच ही बोलोगे तो कुछ समय के बाद विश्वास बन जाएगा। कहा कि प्यार में परख नहीं होती, निदक ही आपकों सही रास्ता दिखाता है। बाबा जी मै क्या करुं मेरे तीन बेटों की मौत हो चुकी है। इस बाबा ने कहा कि जो इस दुनिया में आया है, उसे जाना भी है। प्रश्नोत्तर के बाद बाबा जी ने खुली जीप में संगत के पास जाकर दर्शन दिए। सिर ऊपर करने का मतलब अहंकार


संगत में आई लड़की ने जब बाबा से पूछा कि संगत की ओर देखने के बाद ऊपर क्यों देखते हो? इस पर पूरी संगत को हंसी आ गई। बाबा ने इसका बड़े ही प्यार से जवाब दिया कि बेटा हमें अपनी सोच हमेशा ऊपर रखनी चाहिए। यदि सामने रखोगे तो हम दुनिया में ही रह जाएंगे। सिर ऊपर करने का मतलब अहंकार। इसलिए झुकाकर रहना चाहिए और ऊपर वाले से सबकी खैरियत मांगे। वह भी अपनी संगत की खैरियत की प्रार्थना उस प्रभु से करते हैं। मां डंडा लेकर रहती थी


एक बच्ची ने बाबा से बचपन में उनकी पढ़ाई और शरारतों के बारे में पूछा तो बाबा जी ने भी उसी तरह जवाब दिया कि वह खूब शरारत करते थे, यदि पढ़ाई न करें तो मां डंडा लेकर कमरे थी। इसलिए पढ़ाई के बारे में न ही पूछें तो ठीक है। सभी को मन लगाकर पढ़ना चाहिए। पुलिस झूठे केस में क्यों फंसाती है


बाबा संगत को संदेश दिया कि गलत काम न करें। सच का सहारा लें और सच के रास्ते पर ही चलें। न ही कभी गुस्सा करें। गुस्से से दूसरों को कष्ट पहुंचता है। इसलिए प्यार से काम करें।