सहारनपुर। स्मार्ट सिटी योजना के चक्कर में सहारनपुर की सड़कों का सुधार नहीं कराया जा रहा है। कई मार्ग बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं, और रोजाना हादसे हो रहे है। सबसे बुरा हाल अंबाला हाइवे का है, जिसका चौड़ीकरण तीन वर्षों से लोक निर्माण विभाग व विकास प्राधिकरण के बीच फंसा है। हादसों के बावजूद भी हाइवे का सुधार नहीं कराया जा रहा है।
तकरीबन पांच वर्ष पूर्व 2014-15 में अंबाला हाइवे पर कल्पना फ्लाईओवर से लेकर घंटाघर तक सवा करोड़ की लागत से प्राधिकरण द्वारा साइकिल ट्रैक बनाने का कार्य शुरू कराया गया था। साइकिल ट्रैक पर पहले तो कार्य ही शुरू नहीं हुआ, बाद में काम शुरू हुआ तो सड़क पर कब्जे आड़े आ गए। तब साइकिल ट्रैक अधूरा ही रोक दिया गया तथा प्राधिकरण के 80 लाख खर्च होने पर भी ट्रैक नहीं बन पाया। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के गठन के बाद साइकिल ट्रैक निर्माण पर रोक लगा दी गई, तब तत्कालिक कमिश्नर द्वारा करीब तीन किमी लंबे इस मार्ग के चौड़ीकरण के निर्देश दिए थे, जिस पर आजतक अमल नहीं हुआ है। आधे अधूरे ट्रैक पर रोजाना ही हादसे हो रहे है। प्राधिकरण सड़क चौड़ीकरण को लोनिवि द्वारा स्वीकृति न देना कारण बताकर टाल रहा है जबकि पीडब्लूडी सुधार कराने को तैयार नहीं है। ऐसी ही स्थिति कुतुबशेर से लेकर जेबीएस रोड की है।
यह है हाइवे की स्थिति
अंबाला हाइवे स्थित घंटाघर से लेकर कल्पना सिनेमा तक अधूरे साइकिल ट्रैक के 75 फीसद क्षेत्र पर स्थाई कब्जे है। यहां पुलिस, बिजली विभाग के अलावा रेहड़ी फड़ी वालों के साथ ही मोटर गैराज व वर्कशाप तक चलाए जा रहे है। यही नहीं घंटाघर के बगल में स्थित दिल्ली बस स्टैण्ड के निकट अवैध चौपहिया वाहन स्टैण्ड, तथा गंगोह अड्डे से लेकर कल्पना तिराहे तक दर्जनों टेंपो आदि खड़े रहते है, जिसके कारण जाम लगा रहता है।
ट्रैक व सड़के के बीच गैप से बढ़े हादसे
साइकिल ट्रैक व अंबाला रोड के बीच करीब एक फुट का गैप है तथा सड़क ऊंची नीची होने के कारण रोजाना ही वाहन पलट रहे है। क्षेत्र के दुकानदारों का कहना है कि अभी तक दर्जनों की संख्या में वाहन पलटने से लोग चोटिल हो चुके है तथा कई को तो अस्पताल भर्ती कराना पड़ा है।
इनका कहना है..
अंबाला हाइवे पर घंटाघर से लेकर कल्पना फ्लाईओवर तक का मार्ग स्मार्ट सिटी योजना के तहत अत्याधुनिक माडल रोड के रूप में विकसित किया जाना है। सड़कों की डीपीआर को स्वीकृति मिल गई है जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा।
-ज्ञानेन्द्र सिंह, नगर आयुक्त सहारनपुर।