- बीते 5 वर्षों से क्षेत्र में छाई गरीबी, किसान व मजदूरों में मचा हाहाकार.......
- शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन बन्द होने से क्षेत्र में बढ़ी बेरोजगारी.....
- शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन बंद होने से घाड़ क्षेत्र का विकास हटा 20 वर्ष पीछे....
दैनिक स्वतंत्र अलमा । साढोली क़दीम क्षेत्र की हालत इन दिनों इतनी खस्ता है।कि क्षेत्र के सैकड़ों गांव कस्बागढ़, सैद मोहम्मदपुर गढ़, अकबरपुर बांस, शाहपुर बांस, असलमपुर बर्था, बर्था कोरसी, नुनियारी, धौलरा, शेखपुरा, मंझाडी, मिलको, सलेमपुर गदा, साढोली कदीम, लोदीपुर,रसूलपुर, कम्बोह्माजरा, चकखीजरपुर, टोडरपुर, नानोली, कांसेपुर, बहरामपुर, टोडरपुर भूकडी, आलहनपुर, तिडफ़वा,खैरी लांडापुल, जानीपुर, रहणा,आदी सैंकड़ो गांव के किसान व मजदूर शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन जोन चलने के पर खुशहाल जीवन व्यतीत करते थे। लेकिन पिछले 5 वर्षों से शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन जोन बंद होने के कारण घाड़ क्षेत्र की हरियाली सूखे में तब्दील हो चुकी हैं। वही क्षेत्र शाकुम्भरी शुगर मिल से जुड़े 356 गांव के किसान व स्टोन क्रेशर व खनन से जुड़े मजदूर झेल रहे बेरोजगारी की मार शुगर मिल व खनन बन्द होने के बावजूद बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ चुका है आज क्षेत्र में बेरोजगारी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है।
पिछले 5 वर्षों से क्षेत्र की एकमात्र औधोगिक इकाई शाकुम्भरी शुगर फैक्ट्री व उत्तर प्रदेश मे खनन बंदी होने के कारण सैकड़ों गांवों में छायी भुखमरी ....
: पिछले 5 वर्षों से शाकुम्भरी शुगर मिल बंद होने के कारण एवं खनन जोन बंद होने के कारण क्षेत्र में आज भुखमरी एवं बेरोजगारी बढ़ चुकी है जबकि क्षेत्रीय किसान शाकुम्भरी मिल चलाने की मांग को लेकर पिछले लगभग 14 माह से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी शाकुम्भरी शुगर मिल का पहिया आज तक नहीं चल पाया जिसके कारण क्षेत्र के किसान कर्ज के भारी बोझ में डूब चुके हैं क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र की मुख्य फसल गन्ने की फसल के वाजिब दाम नहीं मिल पाते एवं गन्ने की फसल की दुर्दशा होती है। वहीं खनन बंद होने के कारण क्षेत्र के युवा आज बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं एवं खनन से जुड़े दुकानदार मजदूर आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हो रहे हैं।
क्या कहते है क्षेत्रवासी...........
पूर्व प्रधान राजू कश्यप अराजी जोड़ियों का कहना है कि यह क्षेत्र पूर्ण रूप से शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन के ऊपर आधारित है क्योंकि खनन चलने से क्षेत्र के मजदूरों एवं ट्रैक्टर ट्राली के किरायेदारों की आर्थिक स्थिति में काफ़ी सुधार होता था और इस क्षेत्र के लोग अपना जीवन बसर अच्छी तरह कर लेते थे। लेकिन खनन बंद होने का कारण आज क्षेत्र का मजदूर किराएदार खून के आंसू रोने को मजबूर हो रहे हैं।
घोंसला दिव्यांग सेवा समिति के अध्यक्ष भोपाल सिंह सैनी का कहना है कि पिछले 5 वर्षों से शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन बंद होने के कारण क्षेत्र की हरियाली सूखे में तब्दील हो चुकी है क्योंकि घाड़ क्षेत्र के किसानों व मजदूरों का मुख्य रोजगार शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन से जुड़ा हुआ था जब से स्टोन क्रेशर ऊपर पाबंदी लगी हुई है तब से क्षेत्र के लोग रोटी से भी तरस रहे है। घर क्षेत्र में रोजगार के साधन न होने के कारण आज लोगों को दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रभारी व किसान आंदोलनकारी पदम प्रकाश शर्मा का कहना है कि शाकुम्भरी शुगर मिल से 356 गांव के किसान जुड़े हुए है एवं क्षेत्र के मजदूर जुड़े हुए हैं खनन जोन क्षेत्र पर संपूर्ण उत्तर प्रदेश खनन के ऊपर आधारित है क्योंकि खनन का पहिया चलते ही आम मजदूर एवं कंट्रक्शन से जुड़े कारोबारी, टायर पंचर की दुकान करने वाले लोग, चाय की दुकान चलाने वाले लोग सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है लेकिन पिछले लगभग 5 वर्षों से खनन बंद होने के कारण आज हर व्यक्ति परेशान है सरकार को चाहिए खनन शुरू किया जाए एवं वैध रूप से किया जाए।
ग्राम प्रधान संदीप चौधरी का कहना है कि खनन बंद होने के कारण विकास का पहिया स्थिर हो चुका है। ग्राम पंचायतों के विकास में खनन बंद होना सिर का दर्द बना हुआ है क्योंकि जनता की बार-बार आवाज विकास के नाम की आती है लेकिन खनन बंद होने के बावजूद कहां से उपलब्ध कराएं खनन कैसे कराए विकास कार्य।
प्रधान जसवीर सैनी का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा खनन बंद किया जाना जनता के हित में नहीं है क्योंकि खनन से आम आदमी से लेकर बड़े कारोबारी तक सभी व्यक्ति जुड़े हुए हैं पिछले 5 वर्षों से शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन बंद होने के कारण आज हर व्यक्ति की स्थिति नाजुक बनी हुई है खनन जोन को चालू किया जाए एवं वैध तरीके से खनन शुरू कराया जाए ताकि क्षेत्र के लोगों को कुछ राहत मिल सके।
पूर्व चेयरमैन दिलशाद पंवार का कहना है कि पिछले 5 वर्षों से शाकुम्भरी शुगर मिल बंद होने के कारण एवं खनन बंद होने के कारण किसानों व मजदूरों के घरों की रोशनी अंधेरे में तब्दील हो चुकी हैं क्योंकि क्षेत्र के किसान शाकुम्भरी शुगर मिल व मजदूर खनन जोन में जाकर मजदूरी करते थे और अपने परिवार का पालन पोषण करते थे आज घाड़ क्षेत्र के लोग अपने बच्चों को उचित शिक्षा मुहैया नहीं करा सकते एवं अपने परिवार का लालन पालन भी सही प्रकार से नहीं कर सकते अपने घर मकानों की स्थिति को सुधार नहीं सकते उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए शाकुम्भरी शुगर मिल व खनन जोन को चालू करा कर इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार देने में हाथ बटाए।