पड़ोसी देशों में उत्पीड़न के शिकार लोगों को भारतीय नागरिकता जरूरी : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को वायदों की राजनीति बजाय कामकाज की राजनीति तरफ ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए शुक्रवार को कहा कि पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का शिकार हो रहे लोगों को भारतीय नागरिकता देने बेहतर कल सुनिश्चित होगा। मास्क विरोध कर रहे हैं। इस बिल प्रधानमंत्री मोदी ने लीडरशिप समिट में नागरिकता संशोधन बिल के संदर्भ में कहा कि पड़ोसी देशों से आए सैकड़ों परिवार जिन्हें भारत में आस्था थी जब इनकी नागरिकता का रास्ता खुलेगा तो उससे उनका बेहतर भविष्य सुनिश्चित होगा। उल्लेखनीय है केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। हालांकि कई विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं। इस बिल में पाकिस्तानए बांग्लादेश और अफानिस्तान से शरणार्थी के तौर आए उन गैर मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो। ऐसी संभावना है कि संसद के चालू सत्र में सोमवार लोकसभा में पेश किया जाएगा। के बाद देश के लोगों ने सभी आशंकाओं को गलत साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें याद रखना होगा कि राम जन्मभमि का फैसला आने से पहले न जाने क्या.क्या आशंकाएं जताई जा रहीं होते.होते देश के लोगों ने सारी आशंकाओं को गलत साबित कर दिया। इसके पीछे का भाव बेहतर कल का भाव था। अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले ने विकास की नई उम्मीद जगाई प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला राजनीतिक तौर पर मुश्किल भले लगता होए लेकिन इसने जम्मू.कश्मीर और लद्दाख के विकास की नई उम्मीद जगाई है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के दंश से मुक्ति मिलने से देश के लाखों परिवारों को बेहतर कल का एहसास मिला है। उन्होंने कहा कि दिली की अमाधि दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर जो फैसला हुआ है उसने यहां के 40 लाख लोगों के बेहतर भविष्य का रास्ता पक्का किया है। मोदी ने कहा कि कई ऐसे फैसले हैं जो अतीत की विरासत हैंए लेकिन नए भारत की खातिर उन्हें टाला नहीं जा सकताए उनसे बचा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि देश के बेहतर भविष्य के लिए आज समय की मांग है कि सरकार महत्वपूर्ण क्षेत्र यकोर एरियाद्ध में सुशासन पर काम करे। लोगों के जीवन में सरकार का दखल जितना कम होगा और सुशासन जितना ज्यादा होगाए उतनी ही तेजी से देश आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जुटा हुआ है। ये लक्ष्य अर्थव्यवस्था के साथ.साथ 130 करोड़ भारतीयों की औसत आयए उनकी जीवन सुगमता और उनके बेहतर कल से जुड़ा हुआ है।